पटरी ने ही उसे बहुत दूर कर दिया मजदूर था वो साहब ! मजदूर था। पटरी ने ही उसे बहुत दूर कर दिया मजदूर था वो साहब ! मजदूर था।
मैं तो मजदूर हूँ मैं तो मजदूर हूँ
साहब मैं मज़दूर हूँ मैं मज़दूर हूँ, मैं मजबूर हूँ। साहब मैं मज़दूर हूँ मैं मज़दूर हूँ, मैं मजबूर हूँ।
ऊंचा बंगला, लम्बी गाड़ी अब साहब के पास ऊंचा बंगला, लम्बी गाड़ी अब साहब के पास
तुम ही कहो तो मैं क्या करूँ ? ख़ुशी मनाऊँ या आँसू बहाऊँ ? तुम ही कहो तो मैं क्या करूँ ? ख़ुशी मनाऊँ या आँसू बहाऊँ ?
ज़िन्दगी बीत गयी साहब सबूत और गवाह करते करते। ज़िन्दगी बीत गयी साहब सबूत और गवाह करते करते।